उत्तराखंड

मसूरी में सुगम यातायात के लिए शटल सेवा का संचालन, सेटेलाइट पार्किंग जल्द होगी शुरू

mussoorie-shuttle-service-satellite-parking-update

हाथीपांव और किंग्रेग में सेटेलाइट पार्किंग की शुरुआत

मसूरी में जाम की समस्या को हल करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शटल सेवा का संचालन और राज्य की पहली सेटेलाइट पार्किंग की स्थापना के प्रयास तेज़ी से हो रहे हैं।

  • किंग्रेग पार्किंग का पुनः संचालन: वर्षों से बंद पड़ी पार्किंग को फिर से सक्रिय किया गया है।
  • हाथीपांव पर नई पार्किंग: यह पार्किंग भी जल्द ही यातायात सुविधा में सुधार लाने में सहायक होगी।

शटल सेवा संचालन में प्रमुख बदलाव

  • किंग्रेग टैक्सी एसोसिएशन को शटल सेवा संचालन के लिए चुना गया है।
  • सेवा का उद्देश्य:
    • पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को जाम से राहत
    • यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना।
  • डीएम सविन बंसल और एसएसपी के निर्देश पर कार्य:
    • हॉथीपांव से किंग्रेग पार्किंग और मॉल रोड तक यातायात का सुगम प्रबंधन।
    • जनसुनवाई में मसूरी वासियों द्वारा जाम की समस्या का समाधान मांगने पर डीएम ने शटल सेवा के लिए निर्देश जारी किए।

शटल सेवा का रूट और वाहनों की कैटेगरी

  • शटल सेवा रूट:
    • किंग्रेग पार्किंग से लाइब्रेरी चौक, मसूरी।
    • किंग्रेग पार्किंग से पिक्चर पैलेस, मसूरी।
    • हाथीपांव से लाइब्रेरी चौक, मसूरी।
    • हाथीपांव बैंड से पिक्चर पैलेस, मसूरी।
  • वाहन कैटेगरी:
    • कैटेगरी A: इनोवा, स्कॉर्पियो, एक्सयूवी जैसी एसयूवी।
    • कैटेगरी B: स्विफ्ट डिजायर, होंडा सिटी, मारुति सियाज जैसी सेडान।

जाम से राहत: प्रशासन की प्राथमिकता

  • पार्किंग सुधार:
    • हाथीपांव और किंग्रेग में नई पार्किंग सुविधाएं।
    • किंग्रेग पार्किंग वर्षों से अनुपयुक्त थी, जिसे अब व्यवस्थित किया गया है।
  • सुरक्षित यात्रा:
    • बुजुर्गों, महिलाओं और पर्यटकों के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित की जा रही है।
  • स्थायी समाधान:
    • शटल सेवा के साथ पार्किंग के नए प्रबंधन से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।

डीएम का संदेश:

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा, “जनहित और सुविधा सर्वोपरि है।” सभी विभाग तेजी से योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page