डॉ. आरपी नैनवाल मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट: कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पत्रकारों पर हमला, लोकतांत्रिक मूल्यों पर उठे सवाल

उत्तराखंड, 3 दिसंबर 2024:
डॉ. आरपी नैनवाल मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच का मंच, जो खेल भावना और सौहार्द्र का प्रतीक होना चाहिए था, शर्मनाक घटनाओं का गवाह बना। इस आयोजन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों और महिला पत्रकारों के साथ मारपीट और अभद्रता कर न केवल आयोजन को बाधित किया बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गंभीर प्रहार किया।

यह निंदनीय घटना कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की मौजूदगी में हुई। घटना के दौरान माहरा का संयम खोना और आपत्तिजनक व्यवहार करना मामले को और गंभीर बनाता है।


पत्रकारों पर हमला: लोकतंत्र की आवाज़ पर हमला

उत्तर भारत लाइव के संपादक आशीष ध्यानी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे “प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला” करार दिया। उन्होंने कहा:

“यह घटना पत्रकारिता पर नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति पर हमला है, जो सच्चाई जानने का अधिकार रखता है। महिला पत्रकारों के साथ की गई अभद्रता कांग्रेस की गिरती सोच का प्रमाण है।”

कार्यक्रम के दौरान मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों को धमकाना शुरू किया और महिला पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और अभद्र भाषा का प्रयोग किया।


महिला पत्रकारों का आक्रोश

एक वरिष्ठ महिला पत्रकार ने कहा:

“हमने कभी नहीं सोचा था कि प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में ऐसा होगा। यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है और इसे सहन नहीं किया जा सकता।”


उत्तरांचल प्रेस क्लब का विरोध

इस घटना के विरोध में उत्तरांचल प्रेस क्लब ने आपात बैठक बुलाई है। प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा ने इसे “बेहद गंभीर” बताते हुए कहा:

“प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका और उनकी मौजूदगी ने इस घटना को और चिंताजनक बना दिया है। प्रेस की स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र के लिए खतरा है।”


कांग्रेस पार्टी पर उठे सवाल

इस घटना ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना झेलने की सहनशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर पार्टी खुद को लोकतंत्र की संरक्षक बताती है, वहीं इस घटना ने उनकी सोच और मानसिकता को उजागर कर दिया।

जनता और पत्रकारों की प्रतिक्रिया

यह घटना सिर्फ पत्रकारों का मुद्दा नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए चिंता का विषय है, जो सच जानने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हकदार है। उत्तराखंड की जनता ने कांग्रेस के इस रवैये पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे लोकतंत्र के भविष्य के लिए एक चेतावनी बताया है।


क्या कहना चाहिए कांग्रेस को?

इस घटना ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। यदि पार्टी जल्द ही इस मामले पर माफी मांगकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तो इसका असर उनकी छवि और भविष्य की राजनीति पर पड़ना तय है।

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