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देहरादून के राजपुर क्षेत्र के किशननगर की रहने वाली कौशल्या देवी को रविवार सुबह करीब चार बजे मंदिर जाते वक्त पड़ोसी के रॉटविलर के दो कुत्तों ने काट लिया।

राजधानी में खतरनाक प्रजाति के 300 से ज्यादा कुत्ते पाले जा रहे हैं। इनमें रॉटविलर, पिटबुल, डाबरमैन और बुल्डोग जैसी नस्लें शामिल हैं। यह संख्या तो वह है जिनका पंजीकरण नगर निगम में है। इसके अलावा बिना पंजीकरण के भी लोगाें ने कई प्रजातियों के कुत्ते पाले हैं।

12 मार्च 2024 को भारत सरकार ने आदेश जारी कर कुत्तों की 23 ऐसी नस्लों पर प्रतिबंध लगाया था जो बेहद खतरनाक मानी जाती हैं। इन नस्लों के कुत्तों के आयात, प्रजनन और इनकी बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई थी। देहरादून में इस साल की बात करें तो अभी तक नगर निगम में खूंखार प्रजाति के करीब 14 कुत्तों का पंजीकरण कराया गया है।

इनमें पिटबुल, रॉटविलर, डाबरमैन, अमेरिकन बुली, फ्रेंच मस्टी आदि शामिल हैं। इनका पंजीकरण नगर निगम में सशर्त किया गया है। इसके तहत कुत्ते की नसबंदी कराना और उसको एंटी रैबीज वैक्सीन लगाना अनिवार्य है।

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