भारतीय वायुसेना का मिसाइल प्रहार: 10 मई को चार एयर-लॉन्च हमले, पाकिस्तान सतर्क

10 मई 2024 को भारतीय वायुसेना (IAF) ने अत्यधिक रणनीतिक कदम उठाते हुए चार एयर-लॉन्च मिसाइल हमलों को अंजाम दिया। इन हमलों ने न केवल भारतीय सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दे दिया कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग और तैयार है।


IAF का निर्णायक कदम: ऑपरेशन की जानकारी

भारतीय वायुसेना ने 10 मई को चार लक्षित एयर-लॉन्च मिसाइल स्ट्राइक किए। यह हमले गहन निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर पूर्व नियोजित थे। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य:


हमलों की रणनीति और तकनीक

भारतीय वायुसेना ने इन हमलों में आधुनिकतम एयर-लॉन्च क्रूज़ मिसाइलों (ALCMs) का इस्तेमाल किया। इन मिसाइलों को हवा में उड़ते फाइटर जेट्स से लॉन्च किया गया, जिनमें मिराज 2000 और सुखोई-30 MKI शामिल थे।

प्रमुख विशेषताएं:


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: सैन्य और राजनीतिक हलचल

पाकिस्तानी रक्षा प्रतिष्ठान में इन हमलों के बाद जबरदस्त हलचल देखी गई।

यह स्पष्ट था कि भारत की यह कार्रवाई पाकिस्तान के लिए केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्रदर्शन थी।


भारत की सैन्य रणनीति में बदलाव के संकेत

पिछले वर्षों की घटनाओं से स्पष्ट हो गया है कि भारत अब जवाबी कार्रवाई से आगे बढ़कर प्रो-एक्टिव डिफेंस डोक्ट्रिन को अपनाता जा रहा है।

प्रमुख उदाहरण:

वर्ष घटना भारत की प्रतिक्रिया
2016 उरी हमला सर्जिकल स्ट्राइक
2019 पुलवामा हमला बालाकोट एयरस्ट्राइक
2024 सीमा पार आतंकी गतिविधियाँ चार एयर-लॉन्च मिसाइल स्ट्राइक

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि

इन हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत की स्थिति को गंभीरता से लिया। अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया। इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद रोकने की सिफारिश दोहराई।


भारतीय जनता की प्रतिक्रिया

भारत के विभिन्न हिस्सों में जनता ने वायुसेना की इस कार्रवाई का स्वागत किया। सोशल मीडिया पर #IAFStrikes ट्रेंड करता रहा। लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और सैनिकों के सम्मान में कैंडल मार्च का आयोजन किया गया।


भविष्य की संभावनाएं और सुरक्षा नीति

इन हमलों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब हर सीमा पार हरकत का मुँहतोड़ जवाब देगा। सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर आवश्यक हुआ तो ऐसे ऑपरेशन फिर दोहराए जा सकते हैं।

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