उत्तराखंड सरकार ने स्कूलों में प्रतिदिन गीता श्लोक पाठ अनिवार्य किया

मुख्य बिंदु:
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दिनांक आदेश: 14 जुलाई 2025 को जारी आदेश के अनुसार, उत्तराखंड की सभी सरकारी स्कूलों में प्रत्येक सुबह की पूजा/असेंबली में एक गीता श्लोक का पाठ किया जाएगा
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श्लोक के साथ अर्थ व वैज्ञानिक प्रासंगिकता भी छात्रों को पढ़ाई जाएगी ताकि पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक शिक्षा के बीच संतुलन बना रहे ।
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‘साप्ताहिक श्लोक’ का चयन कर उसे नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही सप्ताह के अंत में उस पर क्लास में चर्चा और छात्र प्रतिक्रिया भी ली जाएगी ।
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शिक्षकों का निर्देशन है कि वे समय-समय पर गीता के सिद्धांतों को मनोविज्ञान, तर्क, व्यवहार विज्ञान और नैतिक दर्शन के दृष्टिकोण से समझाएँ, ताकि ये शिक्षाएँ व्यवहार एवं व्यक्तित्व विकास में परिलक्षित हों ETEducation.com।
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यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को आधुनिक शिक्षा में शामिल करने को प्रोत्साहित करती है
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कदम का स्वागत किया, कहा कि गीता एक “शाश्वत ज्ञान स्रोत” है और देवभूमि में बच्चों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए ।
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कुछ आलोचकों ने भी टिप्पणी की, जैसे कांग्रेस नेता सुर्यकांत झास्मना ने कहा कि यह “राजनीतिक छवि निर्माण” हो सकता है और उन्होंने समावेशी शिक्षा पर जोर दिया ।
✅ निष्कर्ष:
उत्तराखंड में अब सरकारी स्कूलों में सुबह की असेंबली में हर दिन गीता का एक श्लोक पढ़ा जाएगा, अर्थ समझाया जाएगा और छात्रों को साप्ताहिक श्लोक पर चर्चा के जरिए इसका व्यवहारिक असर अनुभव कराया जाएगा। यह पहल आधुनिक शिक्षा में भारतीय संस्कृति और मूल्य जोड़ने की NEP 2020 की दिशा में एक प्रयास है।