प्रस्तावना
23 मई 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में बिना पूर्व सूचना के की गई यात्रा ने शैक्षणिक और राजनीतिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की। विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों के बीच इस घटना को लेकर विभिन्न मतभेद सामने आए हैं। इस लेख में हम इस विवाद की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत कर रहे हैं।
यात्रा का विवरण
राहुल गांधी ने डीयू के नॉर्थ कैंपस स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों से प्रतिनिधित्व, समानता और शैक्षणिक न्याय जैसे मुद्दों पर चर्चा की। यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली, जिसके दौरान DUSU कार्यालय को सुरक्षा कारणों से घेर लिया गया था।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीयू प्रशासन ने इस अनघोषित यात्रा को संस्थागत प्रोटोकॉल का उल्लंघन और छात्र संघ की गतिविधियों में बाधा बताया। प्रोफेसर रजनी अब्बी, विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर, ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह दूसरी बार है जब राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विश्वविद्यालय आए हैं। प्रशासन ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने की आशा व्यक्त की है और संबंधित छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया
ABVP का विरोध
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करते हुए इसे राजनीतिक प्रचार का माध्यम बताया। ABVP के अनुसार, विश्वविद्यालयों को शिक्षा और विकास के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए, न कि राजनीतिक मंच के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।
NSUI का समर्थन
कांग्रेस की छात्र इकाई, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI), ने इस यात्रा का समर्थन किया। DUSU अध्यक्ष रौनक खत्री ने कहा कि DUSU अध्यक्ष को किसी निजी अतिथि से मिलने के लिए पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि यह सार्वजनिक सभा न हो या परिसर की सुरक्षा का उल्लंघन न करे।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राहुल गांधी की इस यात्रा को “फोटो-ऑप सर्कस” करार दिया। BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो साझा किया जिसमें एक महिला छात्रा राहुल गांधी से उनके पिछले बयानों पर सवाल कर रही है। कांग्रेस ने इस यात्रा को हाशिए पर पड़े छात्रों के साथ संवाद स्थापित करने का प्रयास बताया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने राहुल गांधी का एक वीडियो साझा किया जिसमें वे एक घड़े में पानी डालते हुए दिखाई दे रहे हैं, और उन्हें “जननायक” कहा गया। इस पर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं, कुछ ने उनका समर्थन किया, जबकि अन्य ने उनकी आलोचना की।
निष्कर्ष
राहुल गांधी की डीयू यात्रा ने शैक्षणिक संस्थानों में राजनीतिक गतिविधियों की सीमाओं और प्रोटोकॉल के पालन पर एक नई बहस छेड़ दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्र संगठन और राजनीतिक दल इस मुद्दे पर विभाजित हैं। यह घटना आगामी चुनावों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हो सकती है, जहां युवा मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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