क्राइम

Terrorist Attack: पहलगाम में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर की फायरिंग, 26 की मौत

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए 50 राउंड फायरिंग की, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं। खबर लिखे जाने तक 20 मौतों की पुष्टि हो गई थी। हमले में चार विदेशी नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें एक इजरायल, एक नेपाल, एक यूएई और एक इटली का नागरिक है। मरने वालों में दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं, जबकि मरने वालों में अन्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं।

घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया और वारदात को अंजाम देकर फरार हुए आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। सीआरपीएफ की अतिरिक्त क्विक रिएक्शन टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इलाके में आर्मी की ड्रेस में आए दो आतंकियों ने फायरिंग की। आतंकियों ने एक टूरिस्ट से उसका नाम और धर्म पूछा और इसके बाद उसके सिर में गोली मार दी और फायरिंग करते हुए भाग निकले।

आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ ने पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के इशारे पर काम कर रहा टीआरएफ पिछले कुछ साल से जम्मू-कश्मीर में लगातार हमले कर रहा है। यह फरवरी 2019 के बाद से कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला हो सकता है। तब पुलवामा में आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।

आतंकी हमले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहीं से फोनकर गृह मंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें तुरंत मौके पर जाने का कहा। पीएम से बातचीत के बाद अमित शाह ने दिल्ली में सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत कर हालात की जानकारी ली और फिर श्रीनगर रवाना हो गए। श्रीनगर पहुंचकर अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों और सेना के अफसरों के साथ हाईलेवल बैठक की और दहशतगर्दों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की रणनीति बनाई। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी से बातचीत करके हालातों की जानकारी ली।

एनआईए करेगी आतंकी हमले की जांच

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई है। केंद्र ने इस हमले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए को जांच की जिम्मेदारी दी है, ताकि हमले की साजिश, आतंकियों के नेटवर्क और उनके विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच की जा सके।

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