शशि थरूर के प्रतिनिधिमंडल की असंतोषजनक प्रतिक्रिया के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान के पक्ष में दिया बयान वापस लिया

Listen to this article

भारत की कूटनीति ने फिर दिखाई ताकत

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में हुई घटनाओं के क्रम में एक बार फिर भारत की प्रभावशाली कूटनीति ने वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ी है। कोलंबिया द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में दिया गया बयान वापस लेना यह सिद्ध करता है कि भारत अपनी विदेश नीति को लेकर सजग और स्पष्ट दृष्टिकोण रखता है।

प्रतिनिधिमंडल का विरोध और कोलंबिया की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में दिए गए बयान पर गहरी असहमति जताई थी। भारत ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।

कोलंबिया सरकार ने भारत की प्रतिक्रिया के बाद तुरंत स्थिति की समीक्षा की और औपचारिक रूप से अपना बयान वापस ले लिया। यह कदम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की दृढ़ स्थिति को उजागर करता है।

जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत का सुस्पष्ट रुख

भारत वर्षों से यह स्पष्ट करता आया है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है। किसी भी प्रकार की बाहरी टिप्पणी या हस्तक्षेप भारत की संप्रभुता का उल्लंघन मानी जाती है। शशि थरूर जैसे अनुभवी नेताओं की अगुवाई में भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर और भी प्रभावशाली बन रही है।

कोलंबिया का बयान क्यों था विवादित

कोलंबिया ने शुरुआत में पाकिस्तान के समर्थन में एक बयान दिया था जिसमें कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर चिंता जताई गई थी। इस प्रकार के बयान पाकिस्तान की झूठी बयानबाज़ी को समर्थन देते हैं, जो भारत की कूटनीतिक दृष्टि से अस्वीकार्य है। भारत ने बिना समय गंवाए इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और अन्य कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से उठाया।

भारत की कूटनीतिक जीत: एक केस स्टडी

भारत का यह विरोध और कोलंबिया द्वारा अपना बयान वापस लेना एक केस स्टडी के रूप में देखा जा सकता है कि किस प्रकार से एक राष्ट्र बिना आक्रामक हुए, केवल तर्क, इतिहास और कानूनी स्थिति के आधार पर अपने हितों की रक्षा कर सकता है।

वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति

भारत के कदम की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई। कई देशों ने इसे भारत की “responsible diplomacy” बताया। यह एक उदाहरण है कि कैसे भारत किसी भी मुद्दे को शांतिपूर्ण और रणनीतिक ढंग से सुलझाने की क्षमता रखता है।

पाकिस्तान की रणनीति की विफलता

पाकिस्तान लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश करता रहा है, परंतु उसे हर बार असफलता हाथ लगती है। कोलंबिया जैसे देश का बयान वापस लेना इस बात का प्रमाण है कि अब दुनिया पाकिस्तान की कश्मीर नीति को संदेह की दृष्टि से देखने लगी है।

निष्कर्ष

भारत ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि उसकी विदेश नीति और कूटनीतिक दृष्टिकोण मजबूत, स्पष्ट और प्रभावशाली है। कोलंबिया का बयान वापस लेना सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का प्रतिबिंब है।


कीवर्ड्स: शशि थरूर, कोलंबिया बयान वापसी, भारत कूटनीति, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा, संयुक्त राष्ट्र भारत, अंतरराष्ट्रीय राजनीति भारत, जम्मू-कश्मीर आंतरिक मामला, भारत की विदेश नीति, शशि थरूर का बयान

How to Reduce Bloating Fast: 15 Real-Life Tricks That Actually Make You Feel Better

Exit mobile version